Malware क्या है?

हेल्लो दोस्तों, Malware और कंप्यूटर वायरस के बारे में तो आपने पहले भी सुना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं की यह क्या होते हैं और इनमे क्या अंतर है और malware के types क्या है अगर नहीं तो कोई बात नहीं आप बस इस पोस्ट को आगे पड़ते रहिये इसमें आप जान जाएंगे की Malware क्या है? Malicious software in Hindi। साथ ही साथ malicious software के टाइप्स के बारे में भी जान जाएंगे। इसके बाद हम इस बारे में हम यह भी जानेगे की इनसे कैसे बचा जा सकता है और आपको कौन कौनसे anti malware software इस्तेमाल करने चाहिए। तो आइये जानते है इनके बारे में। 

Malware एक तरह का कंप्यूटर सॉफ्टवेयर ही होता है जिसे हम Malicious Software भी कहते हैं यह एक तरह का दूषित सॉफ्टवेयर होता है जिसका एक ही मकसद होता है लोगो के कंप्यूटर को नुक्सान पहुचाना malware को बनाया ही इसी मकसद के साथ जाता है की वह हमारे या किसी स्पेसिफिक यूजर के कंप्यूटर को नुक्सान पहुचाये इसके और भी कई मकसद हो सकते हैं जैसे आपका डाटा चुराना आपका पासवर्ड चुराना या आपके कंप्यूटर के डाटा को मिटाना यानी डिलीट कर देना Malicious Software अपने आप नहीं बनते इनको किसी डेवलपर या हैकर द्वारा ही बनाया जाता है जिससे वो हमारे कंप्यूटर को हानि पंहुचा सके।

Malicious Software आपके कंप्यूटर में कई तरीको से आ सकते हैं जैसे या तो आप खुद ही उन्हें गलती से डाउनलोड कर ले या किसी स्पैम ईमेल के जरिये या किसी वेबसाइट के जरिये क्यूंकि ऐसी कई वेबसाइट हैं जिन पर malicious सॉफ्टवेयर की लिंक उपलब्ध है और एक ही दिन में लोगों को ढेरों स्पैम ईमेल आते हैं इनमे से कितने ही लोग malware डाउनलोड भी कर लेते हैं और इनका सीकार हो जाते है।

Malware के प्रकार | Types of Malicious software


Malicious software के कई प्रकार भी होते हैं जो अलग-अलग तरह से काम करते हैं या यूँ कहे की हमारे कंप्यूटर और डाटा को नुकशान पहुचाते है इनके काम करने का तरीका अलग-अलग होता है Malware के कुछ टाइप्स इस प्रकार है।



Virus (वायरस)


Virus malware का सबसे पोपुलर और जानने योग्य प्रकार है यह इतना पोपुलर है की हम बाकी के malware को भी virus ही बुलाते हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं है virus एक अलग ही प्रकार है लेकिन एक लोकल कंप्यूटर में सबसे ज्यादा खतरा virus से ही होता है इसीलिए हम बाकी के malware को भी virus बुलाते है। virus हमारे पार एक साधारण सॉफ्टवेयर के रूप में ही आता है लेकिन जब हम इसे अपने कंप्यूटर में इनस्टॉल करते हैं तब यह हमें अपने असली रंग दिखता है यह या तो हमारे कंप्यूटर की जरूरी फाइल्स जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम को इन्फेक्टेड कर देता है या हमारे ऑपरेटिंग सिस्टम को क्रेश कर देता है जिससे हमारा कंप्यूटर खराब हो जाता है और हमारा डाटा corrupt हो जाता है वायरस के बारे में हम काफी सारा पहले भी बता चुके है तो अगर आप इसके बारे में और भी जानना चाहते हैं की कंप्यूटर वायरस क्या है तो यहाँ से पड़ सकते हैं।

Worms (वोर्म्स)


Worms काफी हद तक कंप्यूटर वायरस की तरह ही होतें है लेकिन इसकी ख़ास बात यह है की यह अपने आप की ही कई कॉपी बना सकता है यानी यह फैलता जाता है और आपके नेटवर्क से जुड़े सारे या किसी भी कंप्यूटर में जाकर उसे भी इन्फेक्टेड कर सकता है इसे फैलने के लिए किसी निर्देश की जरूरत नहीं पड़ती यह आपके कंप्यूटर में ईमेल, इन्टरनेट सर्फिंग, downloading के समय आ सकता है यह वायरस की तरह ही आपके डाटा को नुकशान पहुचाता है या उसे क्रेश कर देता है।


Trojan horse (ट्रोजन हॉर्स)


Trojan horse की शुरुआत अभी से बल्कि बहुत ही प्राचीन काल में हुई थी जब ग्रीक के लोगो ने टर्की के एक शहर ट्रॉय पर हमला करने के लिए एक बड़ा लकड़ी का घोडा बनाया था जिसमे कई सेनिक छिप कर टर्की के अंदर गए थे और रात होते ही उन्होंने टर्की पर हमला कर दिया था इसी बड़े लकड़ी के घोड़े को Trojan horse दिया गया था। इसी तरह से कंप्यूटर के अंदर भी Trojan horse होते हैं जो install होने के बाद हमारे कंप्यूटर पर नियंत्रण पा लेता है। बसिकली ट्रोजन हॉर्स कंप्यूटर पर नियंत्रण पाने के बाद वायरस और दुसरे malware से हमले करवाता है जिससे हमारा डाटा corrupt हो जाता है।


Ransomware (रैनसमवेयर)


Ransomware जैसा की नाम से ही पता चलता है हमारे computer में ransomware एक बार इनस्टॉल होने के बाद हमारे सारे डाटा को एन्क्रिप्ट कर दिया जाता है यानी उसे लॉक कर दिया जाता है या यूँ कहें किडनैप कर दिया जाता है और उसी अनलॉक या डिक्रिप्ट करने के लिए हमसे पैसे मांगे जाते हैं बिलकुल वैसे ही जैसे किसी को किडनैप करने के बाद उसे छुड़ाने के बदले फीरोती या ransom मांगी जाती है। Ransomware के ज्यादातर भुगतान Bitcoin या cryptocurrency के द्वारा ही होते हैं जिससे ransomware के developer को या ransomware भेजने वाले को पकड़ा ना जा सके।


Spyware (स्पाईवेयर)


Spyware का काम होता है आपके द्वारा अपने कंप्यूटर में की गयी सभी एक्टिविटीज और डाटा पर नज़र रखना और उन्हें किसी और के पास भेजना होता है बिलकुल एक जासूस की तरह यह किसी भी अनजान सॉफ्टवेयर के साथ bind हो कर इनस्टॉल हो सकते हैं क्यूंकि ये बहुत ही छोटे होते है। Spyware को किसी ख़ास व्यक्ति, जगह या किसी ख़ास कंप्यूटर को टारगेट करके बनाया जाता है और इसका काम सिर्फ आपके डाटा पर नज़र रखना होता है।

Adware (ऐडवेयर)


Adware का ख़ास मकसद आपके device या डाटा को हानि पहुचाना नहीं होता बल्कि इसके इनस्टॉल होने के बाद आपको बिना किसी app को ओपन किये ही होम स्क्रीन पर ही advertise दिखने लगते हैं यह अक्सर स्मार्टफोन में देखने को मिलता है यह तरह तरह की टेढ़ी मेढ़ी वेबसाइट से कुछ भी डाउनलोड करने की बजह से होता है।

Malware से बचने के उपाय


दोस्तों आपको malware से बहकने के लिए बस कुछ छोटी-छोटी बात का ही ध्यान रखना होता है लेकिन कभी-कभी यह बात हमें पता नहीं होती जिनकी बजह से हमें बहुत सारी समस्याए देखने या झेलने को मिलती हैं तो आइये जानते हैं इन छोटी छोटी बातों के बारे में।

सबसे पहली बात हमेशा कुछ भी डाउनलोड करने से पहले अच्छे से चेक कर लें की वेबसाइट ओरिजिनल है या कोई फेक वेबसाइट है अगर वेबसाइट इतनी पोपुलर नहीं है तो आप उस वेबसाइट पर कमेंट पड़कर पता लगा सकतें है की वह कैसी है अगर आपको उसमे कमेंट सेक्शन नहीं मिलता है तो वहां से डाउनलोड बिलकुल ना करें।

ईमेल अटैचमेंट को ठीक से देखकर ही खोलें और डाउनलोड करने के बाद उन्हें ठीक से किसी antimalware software से स्कैन कर लें।

अगर आपके कंप्यूटर पर कोई नज़र रख सकता है या उसमे कुछ जरूरी डाटा रखा हुआ है तो untrusted या अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए ईमेल अटैचमेंट्स बिलकुल ना खोलें।

सॉफ्टवेयर डाउनलोड करते समय सॉफ्टवेयर की ऑफिसियल वेबसाइट या trusted और जानी मानी वेबसाइट का ही उपयोग करें।


पायरेटेड चीज़ें जैसे फ़िल्में या पेड सॉफ्टवेयर फ्री में डाउनलोड करने के चक्कर में ना पड़ें यह गलत है और इसकी बजह से आप को और आपके कीमती डाटा को खतरे भी हो सकते हैं।

विशाल सोलंकी 

Comments

Popular posts from this blog

All HTML Tags List in Hindi – All HTML Tags.

साइबर सुरक्षा क्या है? परिभाषा, उपाय, निबंध