Types Of Cloud Computing

क्लाउड कम्प्यूटिंग और उसके प्रकार 

Types Of Cloud Computing


इससे आप अपनी सभी जरूरी files को जैसे Documents, photos, music, videos etc. को Computer के साथ साथ Internet पर भी Save करके रख सकते हो, जैसे बादल कहीं से पानी लेते हैं और कहीं पे भी बरसा देते हैं उसी आधार पर है Cloud Computing यह भी नेेेटवर्क के माध्‍यम से काम करती है, आईये जानते हैं यह कैसे काम करती है

Cloud Computing के लिये बडी बडी कंंपनियों जैसे Google या microsoft बहुत ही विशाल डाटा सेेंटर (Data center) बनाती है डाटा सेेंटर (Data center) वह जगह होती है जहां एक बहुत बडें पैमाने पर डाटा (जैसे आपके वीडीयो, फोटो या डाक्‍यूमेंट) काे स्‍टोर किया जाता है यह आपस में एक नेटवर्क से जुडे रहते हैं और कहीं भी जरूरत पडने पर इंटरनेट के माध्‍यम से वहां तुरंत डाटा का पहुंचा दिया जाता है, उदाहरण के लिये फेसबुक डाटा सेंटर (Facebook Data Center) को ले लीजिये यह भी क्‍लाउड से जुडा है आपके द्वारा फेसबुक अपलोड किये जाने वाले फोटो और वीडीयो यहीं सुुुुरक्षित रहते हैैं और आप इस डाटा का उपयोग फेसबुक की एप्‍लीकेशन या वेबसाइट के जरिये दुनियां में किसी भी स्‍थान पर कर सकते हैं बस आपको चाहिये फेसबुक की एप्‍लीकेशन और यूजर आईडी पासवर्ड 

लेकिन छोटी कंपनीया जिनके पास इतना पैसा नहीं है कि वह अपना खुद का डाटा सेंटर बना सकें तो वह क्‍लाउड के माध्‍यम से इंटरनेट पर हार्डवेयर और स्‍पेस किराये पर ले सकते हैं, उदाहरण के लिये अगर अाप जीमेल पर अपनी ईमेल आईडी बनाते हैं तो आपको गूगल की तरफ से 15GB का क्‍लाउड स्‍टोरेज फ्री दिया जाता है, लेकिन अगर आपको 15GB से ज्‍यादा की आवश्‍यकता है तो आप इसे गूगल क्‍लाउड से किराये पर ले सकते हैं Google Drive पर एक ईमेल आईडी पर 30 TB तक का स्‍पेस किराये के लिये उपलब्‍ध है 30 TB का मासिक किराया है 19500 रू0 महीना, आप पूरी लिस्‍ट यहां से चैक कर सकते हैं

Cloud Computing का अर्थ सिर्फ डाटा अपलोड करना ही नहीं है, गूगल ने Google Drive के माध्‍यम से Cloud पर कई सारी एप्‍लीकेशन भी उपलब्‍ध करा रखीं हैं जिन्‍हेें आप बिना अपने कंम्‍यूटर में इस्‍टॉल किये सीधे अपने ब्राउजर में चला सकते हैं ये एप्‍लीकेशन हैं - Google Docs, Google Sheets, Google Slides, Google Forms, google drawings और google sites, इसके अलावा अगर आपके कंप्‍यूटर में फोटोशॉप नहीं चल रहा है तो आप Cloud Computing की सहायता से उसे भी चला सकते हैं, लेकिन Cloud Computing के लिये आपके पास एक अच्‍छा इंटरनेट कनेक्‍शन होना जरूरी है

अब बात करते हैैं Cloud Computing कितने प्रकार की हाेती है - अभी वर्तमान में Cloud Computing चार प्रकार की है -

  1. प्राइवेट क्लाउड कंप्यूटिंग(Private Cloud Computing) - प्राइवेट क्‍लाउड का उदाहरण है Google Drive जहां आपके सारे डाक्‍यूमेंट आपके ईमेल आईडी और पासवर्ड से सुरक्षित रहते हैं, इन्‍हें आपके अलावा और कोई उपयोग नहीं कर सकता है यह कुछ हद तक ज्यादा सुरक्षित माना जाता है
  2. पब्लिक क्लाउड कंप्यूटिंग (Public Cloud Computing) - पब्लिक क्लाउड हर सामान्‍य व्‍यक्ति के लिये उपलब्‍ध रहता है, उदाहरण के लिये अगर किसी साइट पर कोई ईबुक फ्री डाउनलोड के लिये उपलब्‍ध करायी गयी हो और आप उसे एक ही क्लिक में बिना अकांउट बनाये डाउनलोड कर पाते हों पब्लिक क्लाउड थोड़ा कम सुरक्षित माना जाता है
  3. कम्युनिटी क्लाउड कंप्यूटिंग (Community Cloud Computing) -कम्युनिटी क्लाउड कंप्यूटिंग केवल एक ग्रुप के सदस्‍यों के लिये उपलब्‍ध्‍ा रहती है, इसके अलावा और कोई बाहरी व्‍यक्ति इस डाटा का इस्‍तेमाल नहीं कर सकता है, उदाहरण के लिये किसी कंपनी के कर्मचारी ही केवल उस कंपनी के साइट पर उपलब्‍ध डाटा का इस्‍तेमाल कर सकते हैं या किसी स्‍कूूूल द्वारा बनायी गयी वेबसाइट और उस पर उपलब्‍ध सामग्री का उपयोग केवल उस स्‍कूल या संस्‍था के छाञ ही कर सकते हैं
  4. हाइब्रिड क्लाउड कंप्यूटिंग (Hybrid Cloud Computing) - हाइब्रिड क्लाउड में पब्लिक क्लाउड और प्राइवेट क्लाउड दोनों का इस्‍तेमाल किया जाता है, ऐसे  किसी साइट पर कुछ सामग्री सार्वजनिक उपलब्‍ध हो और कुछ सामग्री केवल रजिस्‍टर्ड यूजर्स के लिये ही उपलब्‍ध हो ऐसे क्‍लाउड को हाइब्रिड क्लाउड कहते हैं
विशाल सोलंकी 

Comments

Popular posts from this blog

All HTML Tags List in Hindi – All HTML Tags.

साइबर सुरक्षा क्या है? परिभाषा, उपाय, निबंध